हाल ही में जारी किए गए चुनाव आयोग के आंकड़ों के अनुसार, उत्तराखंड ने देशव्यापी मतदान प्रतिशत में 33वां स्थान हासिल किया है और हिमालयी राज्यों में इसका स्थान 10वां है1। यह जानकारी लोकसभा चुनाव 2024 के संदर्भ में प्रकाशित की गई है, जिसमें उत्तराखंड के मतदान प्रतिशत में कमी देखी गई है।
इस बार के चुनावों में, उत्तराखंड में 19 अप्रैल को पहले चरण में 5 सीटों पर मतदान हुआ था, जिसमें बीजेपी ने प्रमुख जीत हासिल की2। चुनाव आयोग की वेबसाइट पर उपलब्ध जानकारी के अनुसार, उत्तराखंड में मतदान की प्रक्रिया और इसके महत्व को लेकर विस्तृत जानकारी दी गई है, जिसमें पंचायती राज संस्थाओं और शहरी स्थानीय निकायों के लिए संविधान के अनुच्छेद 243E और 243U के तहत नियमित चुनावों की व्यवस्था की गई है3।
उत्तराखंड के मतदान प्रतिशत में इस गिरावट के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जैसे कि मतदाताओं की अनुपस्थिति, मतदान केंद्रों तक पहुँच में कठिनाई, या राजनीतिक उदासीनता। इसके अलावा, उत्तराखंड की भौगोलिक विशेषताएँ और मौसमी परिस्थितियाँ भी मतदान प्रक्रिया पर प्रभाव डाल सकती हैं।
इस तरह के आंकड़े न केवल राज्य की राजनीतिक सक्रियता का संकेत देते हैं, बल्कि यह भी दर्शाते हैं कि मतदान के महत्व को लेकर जन-जागरूकता और शिक्षा की आवश्यकता है। इससे राज्य में लोकतंत्र की मजबूती और विकास के लिए निर्णायक कदम उठाने में मदद मिल सकती है।