उत्तराखंड के पर्वतीय मार्गों पर सड़क हादसों के प्रभावी रोकथाम के लिए परिवहन विभाग अब सड़कों में गतिसीमा तय करेगा। सड़क दुर्घटनाओं को रोकने के लिए परिवहन मुख्यालय ने सड़क यातायात शिक्षा संस्थान (आईआरटीई), फरीदाबाद को ट्रायल के तौर पर 110 किलोमीटर सड़क के अध्ययन और गति सीमा तय करने की जिम्मेदारी सौंपी है। इसके लिए मुख्यालय और आईआरटीई के बीच अनुबंध हो गया है। यह संस्थान ऋषिकेश से श्रीनगर के बीच ट्रैफिक दबाव, सड़क की चौड़ाई, ढलान, सुरक्षा उपायों, पूर्व के हादसों के आधार पर अध्ययन करेगा। इसके बाद इस सड़क पर अलग-अलग जगहों पर जरूरत के हिसाब से वाहनों की गति सीमा तय होगी। परिवहन मुख्यालय ट्रायल के तौर पर आईआरटीई से गति सीमा तय करने के बाद इसे सख्ती से लागू कराएगा। इसमें सुबह, दोपहर, शाम, देर शाम व रात को वाहन संचालन की अलग-अलग गति सीमा तय की जाएगी। अभी तक राज्य में वाहनों की गति सीमा तय करने के लिए कोई भी विशेषज्ञ एजेंसी नहीं है।