बधाण की नंदादेवी राजराजेश्वरी की उत्सव डोली 6 माह के प्रवास के बाद नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा थराली से नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ नंदानगर के लिए एक जनवरी को पारंपरिक रूप से रवाना होगी। नंदादेवी राजराजेश्वरी मंदिर समिति सिद्धपीठ कुरूड़ के अध्यक्ष नरेश गौड़ ने बताया कि वेदिक गणना के अनुसार नंदादेवी राजराजेश्वरी बधाण की उत्सव डोली की 1 जनवरी 2025 को तय हुई हैं। कार्यक्रम के अनुसार 31 दिसंबर को नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा थराली में कीर्तन, भजन के साथ ही अन्य धार्मिक कार्यों का आयोजन किया जाएगा।
उसके बाद 1 जनवरी को उत्सव डोली देवराड़ा से सिने होते हुए रात्रि विश्राम के लिए भेटा गांव पहुंचेगी,2 को भेटा से रायकोली होते हुए चौंड़ा,3 को चौंड़ा से काखड़ा होते हुए सोनला,4 को सोनला से देवलग्वाड़ होते हुए सुनाऊं,5 को सुनाऊं से पैनगढ़ होते हुए सिलोड़ी,6 को सिलोड़ी से कोठा,7 को कोठा से चिड़िगा तल्ला होते हुए आंगतोली,8 को आंगतोली से सैनार होते हुए असेड़ सिमली,9 को असेड़ सिमली से नाखोली होते हुए सणकोट,10 को सणकोट से नंदानगर के बांसवाड़ा होते हुए सैती 11 को सैती से सिद्धेश्वर मंदिर नंदानगर से होते हुए सिद्धपीठ कुरूड पहुंचेगी और उसी दिन नंदा सिद्धपीठ कुरूड़ में विराजमान हो जाएगी। जहां से एक बार फिर से अगले वर्ष की नंदा लोकजात यात्रा का आयोजन होगा।इस वर्ष नंदादेवी की उत्सव डोली वेदनी में जात के बाद नंदा सिद्धपीठ देवराड़ा में विराजमान हुई थी।